राजस्व लेखपाल ने मुख्यमंत्री योगी के जनसुनवाई शिकायत पोर्टल की धज्जियां उड़ाई

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राजस्व लेखपाल ने मुख्यमंत्री योगी के जनसुनवाई शिकायत पोर्टल की धज्जियां उड़ाई

 

ठाकुरद्वारा। सरकारी नाले पर अवैध कब्जे को हरिश्चंद्र शर्मा के द्वारा दो बार जनसुनवाई शिकायती पोर्टल पर शिकायत की गई परंतु अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए खाना पूर्ति युक्त ढंग से निस्तारण कर दिया और और उच्च अधिकारियों को भी गुमराह करने का प्रयास किया शिकायत में सतीश कुमार चौहान पुत्र स्वर्गीय रतन सिंह चौहान निवासी लोंगी कला तहसील ठाकुरद्वारा के द्वारा सरकारी नाले पर अतिक्रमण कर अपने परिसर में मिलाकर भवन का निर्माण किया गया है।

इस शिकायत को जनसुनवाई शिकायत संख्या-40013524028293 पर की गई जिसमें खंड विकास अधिकारी के द्वारा मौका मुआयना करके साक्ष्य सहित अतिक्रमण पाया गया अपनी रिपोर्ट में अंकित किया गया।

इसके उपरांत पुनः जनसुनवाई शिकायत संख्या-40013524032177 पर शिकायत की गई जिसमें तहसील ठाकुरद्वारा के माध्यम से सौरभ यादव राजस्व लेखपाल के द्वारा जांच की गई इस जांच में लेखपाल के द्वारा लिखा गया कि आबादी के नाले सड़के खड़ंजे राजस्व अभिलेख में अंकित नहीं है इसलिए कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। खंड विकास अधिकारी की जांच को लेखपाल के द्वारा अनदेखा कर मनमाने तरीके से अतिक्रमण करता के साथ हमसाज होकर गलत रिपोर्ट तैयार की गई सीधा-सीधा राजस्व लेखपाल के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की जनसुनवाई शिकायत पोर्टल का मखौल उड़ाते हुए उच्च अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास कर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का पूरा-पूरा प्रदर्शन किया गया। शिकायतकर्ता हरिश्चंद्र शर्मा द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा दो बार उपरोक्त विषय की शिकायत की गई परंतु दोनों विभागों में से कोई भी अतिक्रमण चिह्नित और हटाने को राजी नहीं है।

जनसुनवाई पर तीसरी बार शिकायत कर अनुरोध है कि भ्रष्ट राजस्व लेखपाल सौरभ यादव के प्रति जांच कार्यवाही करते हुए उपरोक्त नाले का अतिक्रमण हटाने के लिए उच्च स्तरीय कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा आम आदमी को राहत देने और आसानी से शिकायतों का निस्तारण करने के लिए इस पोर्टल को बनाया गया था परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते सब कुछ खाना पूर्ति करते हुए जांच कर ठंडा बस्ती में डालकर बंद कर दी जाती है शिकायतकर्ता के द्वारा एक पत्र सीधा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भी भेजा गया जिसमें राजस्व लेखपाल सौरव यादव सहित अन्य कई अधिकारियों के प्रति जांच करवाई की मांग की गई।

शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया कि दूरभाष पर तहसीलदार ठाकुरद्वारा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लेखपाल के माध्यम से अतिक्रमण चिह्नित कराया जा रहा है परंतु लेखपाल के द्वारा अतिक्रमणकर्ता से हम साज होकर उक्त जांच रिपोर्ट को बड़ी ही सफाई से भ्रष्टाचार के चलते हमसाज होकर पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया।

जब राजस्व अभिलेख में सड़के नाले खड़ंजे आबादी के अंकित ही नहीं होते तो किस प्रकार से राजस्व लेखपाल के द्वारा किस प्रकार से जांच कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए शासन प्रशासन को गुमराह करने का सीधा-सीधा प्रयास किया गया।