🙏कलयुग के प्रत्यक्ष देव चिंरजीवी,
पीपल वृक्ष, कुआं 🙏🙏🙏
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वर्तमान समय घौर कलयुग चल रहा है।जैसी में घटनाएं देख रहा हूं। पढ़ रहा हूं।सुन रहा हूं।
मैंने अव तक जो भी थोड़ा बहुत ज्ञान प्राप्त किया है। डिग्री, कितावी,के अलावा भी काफी ज्ञान का भंडार है। ज्ञान अध्ययन,मनन, भ्रमण, तथा किसी विद्वान के पास जाकर प्राप्त किया जा सकता है।
मुझे काशीपुर के राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महा विद्यालय, काशीपुर आई,टी, आई,के अलावा मुरादाबाद के जी के डिग्री कॉलेज, अलीगढ़ बाष्यर्णै डिग्री कॉलेज, देहरादून
डी ए वी डिग्री कॉलेज में पढ़ने का सौभाग्य मिला। वहां काफी विद्वानों से परिचय हुआ।
उसके अलावा संगठन मंत्री होने के कारण में घूमता रहता था। फिर मजदूर क्षेत्र में गया तव घूमना होता था।तव भी ज्ञान वढ़ा।आज जो कुछ भी ज्ञान है।उसी का परिणाम है। ज्ञान का अन्त नहीं है।
मैंने यह वात इस लिए लिखी कि ज्ञान सिर्फ किताबों तथा डिग्री तक सिमित नहीं है।
जो लोग सोचते हैं कि श्री हनुमान जी की मूर्ति तोड़ दो या तुड़वा दो। अपने स्वार्थ के कारण
तव फल भोगना पड़ेगा ऐसा विश्वास है। मैंने इस उम्र काफी को देखा,🚩कुछ स्वार्थ के वसिभूत होकर कुआं वन्द करा देते हैं। उसके परिणाम भी अच्छे नहीं हैं। मैं इस समय विस्तार से नहीं बताना चाहता हूं। मुझे स्वामी नारदानन्द जी सरस्वती के आश्रम नैमिषारण में रहने का सौभाग्य मिला।
🚩 पीपल वृक्ष को हमारे यहां पूज्यनीय माना जाता है।सभी देवता निवास करते हैं।अगर शनि की दशा किसी पर है।तव
वह पीपल वृक्ष की पूजा करें।इसकी विधि लम्बी है। फिर कभी
वताऊगा।
पीपल वृक्ष कटवाने पर ब्रह्म
दोस लगता है। ब्राह्मण की हत्या का अपराध होता है। भगवान श्री राम जी को भी लंकैश के वंध करने पर दोषी लगा था।वह भी शान्त किया था।
यह मैंने देखा लोग कव्जा करने
के चक्कर में पीपल वृक्ष कटवा देते हैं, कुआं वन्द करा देते हैं, श्री हनुमान जी की मूर्ति तोड़ देते हैं।
यह सव गलत है। कर्मों का फल यही पर भोगना पड़ता है।यह भगवान श्री कृष्ण जी ने कहीं।
सभी को श्री मारुति जी सद वुद्धी दे। सभी एक हो।
🙏विधार्थी भैया 🙏
कवि। लेखक। पत्रकार। श्रमविधि परामर्शदाता पो०वो० १० काशीपुर महानगर उधमसिहनगर जनपद। उत्तराखंड। फोन नंबर ९७५७२४४२०२