अपहरण-रंगदारी मामले में हुई थी 7 साल की सजा
दरअसल, इस फैसले का सभी को इंतजार था. मगर कोर्ट ने उनके चुनाव न लड़ने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. इसके तहत वो अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. माना जा रहा था कि फैसले के बाद धनंजय सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बता दें कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी के मामले में जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई थी.
धनंजय सिंह के वकील ने क्या कहा?
धनंजय सिंह के वकील ने कहा, केस की सारी मेरिट बताते हुए अदालत से रिक्वेस्ट किया था. हमारा कन्विक्शन स्टे किया जाए लेकिन कोर्ट का अपना फैसला है. कोर्ट ने जहां तक हमको सही पाया हमारा सेंटेंस स्टे कर दिया और हमको बेल ग्रांट कर दी. कन्विक्शन स्टे कराने के लिए हमलोग इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाना चाहते हैं.