विशेष परिस्थिति के दृष्टिगत 31 मार्च तक के लिए ग्रीष्मकालीन धान लगाने की अनुमति दी

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उत्तराखंड। समस्त उपजिलाधिकारी , खंड विकास अधिकारी ,मुख्य कृषि अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी , जिला पंचायती राज अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ सहायक पंचायती राज अधिकारी ,ग्राम पंचायत विकास अधिकारी , उद्यान अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ कार्मिक l

आप सभी को अवगत किया गया था कि पूर्व में विशेष परिस्थितियों के कारण मात्र उन किसानों को जिनके खेत खाली थे , मटर एवं आलू की फसल के बाद खेत खाली थे , एवं जिनकी अपनी खुद की धान की नर्सरी है , केवल मात्र उनको एक बार के लिए विशेष परिस्थिति के दृष्टिगत 31 मार्च तक के लिए ग्रीष्मकालीन धान लगाने की अनुमति दी गई थी l

परंतु कई स्थानों पर ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि कुछ किसान गेहूं की फसल काटने के बाद भी ग्रीष्म कालीन धान लगाने के लिए प्रयास कर रहे है l कृप्या स्वयं एवं अपने अपने अधीनस्थों से इसको रोकने के प्रभावी जनजागरूकता कर लें l

गेहूं की कटान के बाद किसी भी दशा में ग्रीष्म कालीन धान की फसल माह अप्रैल ओर मई में नहीं रोपी जानी है l ग्रीष्म धान की खेती पर , गेहूं के फसल के उपरान्त पूर्ण प्रतिबन्ध प्रभावी रहेगा l ऐसी नर्सरी जहां ये उपजाया गया है उसपर तत्काल कार्यवाही करें l किसानों को स्वप्रेरित करें की वो वैकल्पिक फसलें लगाए।